बहुत ही कड़वी सच वाणी बुराई करना दोष बताना अच्छी बात हैं पंचायती करना अच्छी बात हैं निंदा करना भी अच्छी बात हैं लेकिन किसकी ? ? ? अपनी ..खुद की …अपने आप की किसी दूसरे की बिलकुल भी नहीं फिर पता चलेगा कि हम किसी से कम नहीं और इस दुनिया में हम से…
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कालचक्र भाग (आरा) – छ: # जिंदगी की किताब (पन्ना # 420)
6. छट्ठा आरा दुषमा – दुषमा काल – शास्त्रों के अनुसार छ: आरे होते है । पॉच आरों के बारे मे आपको जानकारी मिल चुकी है । अभी पॉचवां आरा चल रहा है । इक्कीस हज़ार वर्ष अवधि वाले पॉचवे आरे की समाप्ति के साथ ही दुख वाला छट्ठा आरा प्रारम्भ होता है । इसकी…
कालचक्र भाग (आरा) – पॉच # जिंदगी की किताब (पन्ना # 419)
5. पंचम आरा ….जो अभी चल रहा है दुषमा काल शास्त्रों के अनुसार छ: आरे होते है । चार आरों के बारे मे आपको जानकारी मिल चुकी है । चौथे आरे की समाप्ति पर 21,000 वर्ष की अवधि वाला पॉचवां दुख वाला आरा आरम्भ होता है । अभी कलयुग मे पॉचवां आरा चल रहा है…
कालचक्र भाग (आरा) – चार # जिंदगी की किताब (पन्ना # 418)
4. चौथा आरा – दुषमा – सुषमा काल शास्त्रों के अनुसार छ: आरे होते है । तीन आरों के बारे मे आपको जानकारी मिल चुकी है। तीसरे आरे की ठीक समाप्ति के साथ ही चौथे आरे का आरम्भ होता है । इसमे दुख अधिक और सुख कम होता है । इसके प्रारम्भ मे मनुष्यों की अधिकतम…
कालचक्र भाग (आरा) – तीन # जिंदगी की किताब (पन्ना # 417)
आपको पिछले लेख मे पहले आरे की जानकारी से अवगत करवाया । अब दूसरे व तीसरे आरे के बारे मे आपको बताते है 2. दूसरा आरा – सुषमा काल ….. शास्त्रों के अनुसार छ: आरे होते है । पहले आरा के बारे मे आपको जानकारी मिल चुकी है । इस आरे की स्थिती भी प्राय…
कालचक्र भाग (आरा ) – दो # जिंदगी की किताब (पन्ना # 416)
पिछले लेख मे आपको कालचक्र की थोड़ी जानकारी दी ।आगे की जानकारी … सुख और दुख दो अवस्थाये है । यह अवस्थाये निरंतर रूप से चलती है । इसे हम काल चक्र की संज्ञा भी दे सकते है । काल को दो भागो मे बॉटा गया है …. 1. व्यवहार काल 2. निश्चय काल व्यवहार…
कालचक्र भाग ( आरा) – एक # जिदगी की किताब (पन्ना # 415)
शास्त्र के अनुसार कालचक्र का विवरण …. शास्त्रों के अनुसार छ: आरे होते है । अभी कलयुग मे पाँचवा आरा चल रहा है । 21000 हजार वर्ष का एक आरा होता है । अभी पाँचवा आरे मे 2026(विक्रम संवत)वर्ष पूरें हो चुके है । अब 18974 वर्ष बचें है । इस पंचम आरें को कलयुग…
जिन्दगी # आध्यात्मिक बात # Quote #
बहुत फर्क है अकेलापन व एकांत मे अकेलापन इस संसार में सबसे बड़ी सज़ा है और एकांत सबसे बड़ा वरदान अकेलेपन में छटपटाहट है ,एकांत में आराम अकेलेपन में घबराहट है ,एकांत में शांति जब तक हमारी नज़र बाहर की ओर है तब तक हम अकेलापन महसूस करते हैं जैसे ही नज़र भीतर की ओर…
शांति # आध्यात्मिक # जागृति # Quote #
हम बाहरी दुनिया से कभी भी शान्ति नही पा सकते है जब तक हम अंदर से शांत ना हो । आपकी आभारी विमला विल्सन मेहता जय सच्चिदानंद 🙏🙏
ज्ञान # Quote#
ज्ञान तीन प्रकार से मिलता है किताबों से – यह सबसे सरल है अनुभव से – यह सबसे कडवा है अंतर्मन से – यह सबसे श्रेष्ठ है आपकी आभारी विमला विल्सन मेहता जय सच्चिदानंद 🙏🙏
जिन्दगी # वक्त # Quotes #
बादशाह तो वक्त होता है इंसान तो यूँ ही ग़ुरूर करता है ईश्वर की बनायी हुई यह सृष्टि बेशक़ीमती ख़ज़ानो से भरी हुई है और एक भी चौकीदार नहीं हैं , व्यवस्था ऐसी की गई है कि दुनिया में अनगिनत व्यक्तियों का आवागमन होता रहता है किंतु यहाँ से कोई भी एक तीली तक ले…