ऑंखें तालाब नही फिर भी भर आती है किस्मत सखी नही फिर भी रूठ जाती है होठ कपड़ा नही फिर भी सिल जाता है दुश्मनी बीज नही फिर भी बोई जाती है बुद्धि लोहा नही फिर भी जंग लग जाता है आत्मसम्मान शरीर नही फिर भी घायल हो जाता है और इंसान मौसम नही फिर…
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विवाह # Quote #
मैं “विवाह” के सन्धि-विच्छेद को लेकर बड़े ही कश्मकश में हूँ आप ही बतायें “विवाह” में “वाह” छिपी है या “आह” 🤔🤔😂😂 आपकी आभारी विमला विल्सन मेहता जय सच्चिदानंद 🙏🙏
परिवार # Quote #
असली खगोलशास्त्री तो परिवार में ही होते हैं एक माँ जो बचपन में चाँद दिखाती हैं दूसरे पापा जो एक थप्पड़ में सारा ब्रह्माण्ड दिखा देते हैं तीसरे पत्नी जो दिन में तारे दिखाती है शादी के बाद ज़िंदगी उत्तराखंड की तरह हो जाती है. जहाँ खूबसूरती तो है पर आपदाएँ बहुत आती हैं आपकी…
जिन्दगी # प्रोत्साहन # सफलता # Quote #
जीवन के इस रण में स्वयं ही कृष्ण और अर्जुन बनना पड़ता है रोज अपना ही सारथी बनकर जीवन की महाभारत को लड़ना पड़ता है आपकी आभारी विल्सन मेहता जय सच्चिदानंद 🙏🙏
हँसो और हँसाओ # Quote #
एक सर्वे के अनुसार arranged marriage वाली पत्नियों की रोटी ज्यादा फूलती हैं जबकि love marriage वालियों के मुँह 😃😃😂😂 आपकी आभारी विमला विल्सन मेहता जय सच्चिदानंद 🙏🙏
रिश्तेनाते # जागृति # Quote #
आदर ,अपनापन ,परवाह व थोड़ा वक्त यही वो दौलत है जो अक्सर हमारे अपने हमसे चाहते है आपकी आभारी विमला विल्सन मेहता जय सच्चिदानंद 🙏🙏
क्यूँ ठीक बोला ना ? # जिंदगी की किताब (पन्ना # 397)
क्यूँ ठीक बोला ना ? …. पैसा देकर कैद होने का स्थान …….सिनेमा बिना पैसे का होस्टल …….कैदखाना बहू के पीछे छोडा गया बिना पैसे का जासूस ….सास वजन कम करने की सबसे सस्ती दवा…….चिन्ता बिना वेतन का चौकीदार …..ताला गॉव की अलार्म घडी …….मुर्गा जादूई आँख …..चश्मा बिना पैसे की फिल्म ….ड्रीम (सपने) रोगियों…
मनुष्य के स्तर # Quote #
भर्तृहरि ने मनुष्य के चार स्तर बताये राक्षस तुल्य – जो अपने हितो की पूर्ति के लिये दूसरो के हितो को ले ले व दूसरो के अहित को ही देखे जानवर तुल्य – जो अपने हितो की पूर्ति के लिये दूसरो का अहित करे मनुष्य तुल्य – जो अपने हितो की पुर्ति के साथ दूसरो…