जब भी जिंदगी रूलाये समझना गुनाह माफ हो गये
और जब भी जिंदगी हंसाये समझना दुआयें
कबूल हो गई।
मन का झुकना बहुत जरूरी है
मात्र सर झुकाने से परमात्मा नही मिलते
समझ से सब कुछ सहज होता है और विवाद से सब कुछ कठिन होता
गंदगी शरीरिक हो या मानसिक,कष्ट ही देती है।
सबके लाभ की सोचने वाले को,कभी घाटा नहीं होता है।
अधिकारों का दुरुपयोग आपको महान नहीं,शैतान बना देगा।
आपकी आभारी विमला विल्सन मेहता
जय सच्चिदानंद 🙏🙏