आपकी सोच ही आपको बड़ा बनाती है
यदि हम गुलाब की तरह खिलना चाहते है तो
काँटों के साथ तालमेल बनाकर रखने की कला
तो सीखनी ही होगी
दुध से भरे मिट्टी के बर्तन का दर्जा
विष से भरे सोने के बर्तन से ऊँचा होता है
इसी प्रकार मनुष्य की बाहरी सुंदरता से अधिक
अंदरूदनी “संस्कारों” का मूल्य अधिक होता है
आपकी आभारी विमला विल्सन मेहता
जय सच्चिदानन्द 🙏🙏