वास्तव में बूढा वह है
🔸जिसका उत्साह ठंडा पड़ गया हो
🔸जो कुछ नया करना और सीखना नहीं चाहता हो
🔸जिसको सीखने व नया क़दम उठाने और बढ़ने की प्रवृति खत्म हो गई हो
🔸जो मनुष्य अपनी योग्यता व क्रियाशीलता को बढ़ाना नही चाहते हैं
एक मेढक पहाड़ पर चढ़ने लगा,बाकी के सारे मेंढक शोर मचाते हैं कि ये असंभव है
पर मेंढक पहाड़ की चोटी पर पहुँच जाता है
जानते हैं क्यूँ?
क्योंकि वो मेंढक बहरा होता है और
सारे मेंढकों को चिल्लाते देख सोचता है कि सब उत्साह बढ़ा रहे हैं
लक्ष्य चाहिए तो,नकारात्मक लोगों के प्रति बहरे हो जाइए
सच मे ,नजरिया बदलो नजारे बदल जाते है। सकारात्मक सोच ही आगे बढ़ाती है।
परमात्मा वह है जो हमारा साथ कभी नहीं छोड़ता और संसार वह है जो कभी हमारा साथ दे नहीं सकता, प्रतिपल बदलता रहता है ।
अब हमें ही निर्णय करना है कि हमें क्या चाहिए – परमात्मा या संसार ?
आपकी आभारी विमला विल्सन मेहता
जय सच्चिदानंद 🙏🙏