अगंभीर व्यक्ति के लिए एक बात को भी पचाना मुश्किल होता है ,जबकि
गंभीर व्यक्ति से एक बात भी निकलवाना मुश्किल होता है
कलियुग नही साहब !! मतलबी युग चल रहा है
जब तक आप सामने वाले के
मन की बात करते हैं तो अच्छे हैं ,
एक बार अपने मन की कर ली तो
सभी अच्छाईयॉ बुराई में तब्दील हो जाती है ।
झूठे इंसान की ऊँची आवाज सच्चे इंसान को खामोश तो करा सकती है
लेकिन सच्चे इंसान की खामोशी झूठे इंसान की बुनियाद तक हिला देती है
आपकी आभारी विमला विल्सन मेहता
जय सच्चिदानंद 🙏🙏