किसी रिश्ते का अंत तब होता है ,
जब एक का हद से ज़्यादा प्यार व परवाह दूसरे को बोझ लगने लगता है
कमाई की परिभाषा सिर्फ धन दोलत से तय नहीं होती…
तजुर्बा, रिश्ते, प्रेम, सम्मान, सबक और सच्चा मित्र यह सब कमाई ही हैं..
आपकी आभारी विमला विल्सन मेहता
जय सच्चिदानन्द 🙏🙏