इतनी ऊँचाई न देना प्रभु कि
धरती पराई लगने लगे
इतनी खुशियॉ भी न देना कि
किसी के दुख पर हँसी आने लगे
नहीं चाहिये ऐसी शक्ति जिसका
निर्बल पर प्रयोग करू
नही चाहिये ऐसा भाव कि
किसी को देखकर जल जल मरूँ
ऐसा ज्ञान मुझे न देना
अभिमान जिसका होने लगे
ऐसी चतुराई भी न देना जो
लोगों को छलने लगे …
आपकी आभारी विमला विल्सन मेहता
जय सच्चिदानंद 🙏🙏