रिश्वत अकेली नहीं आती है ,
देने वाले की बददुआ, मजबूरियाँ,गालियाँ, दुख, वेदना,क्रोध, चिंता, तनाव भी नोटों से लिपटी मिलती है
चुप हो जाने का मतलब दब जाना या डर जाना नहीं होता बल्कि कुछ लोग हमारी प्रतिक्रिया के योग्य भी नही होते
आपकी आभारी विमला विल्सन मेहता
जय सच्चिदानन्द 🙏🙏