किसी के घर जाओ तो अपनी ऑंखो को इतना काबू में रखो कि उसके सत्कार के अलावा उसकी कमियाँ न दिखे
और जब उसके घर से निकलो तो अपनी जुबान काबू मे रखो ताकि उसके घर की इज्जत और राज दोनों सलामत रहे
वक़्त तेरा लाख शुक्रिया
जो भी सीखा है
तुझसे ही सीखा है
आपकी आभारी विमला विल्सन मेहता
जय सच्चिदानन्द 🙏🙏