पहले रसोई घर को चौका कहा जाता है ,जहाँ चार बातों का विचार किया जाता है
1. कब खाना ? 2. कितना खाना ? 3. कैसे खाना ? 4. क्या खाना ?
फिर चौके को रसोईघर कहा गया,आज वह किचन हो गया है ..
रसोई घर और किचन में अन्तर है
जहाँ रस बरसे वह रसोई है तथा जहाँ किच-किच हो वह किचन है
भारतीय संस्कृति के हिसाब से अच्छे शब्द सोच समझ के दिए गए है उन्हें वही रहने दे …
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आपकी आभारी विमला विल्सन मेहता
जय सच्चिदानंद 🙏🙏