शरीर को चंगा रखो
दिमाग़ को ठंडा रखो
जेब को गरम रखो
आँखों में शरम रखो
जुबान को नरम रखो
दिल में रहम रखो
क्रोध पर लगाम रखो
व्यवहार को साफ़ रखो
होटो पर मुस्कुराहट रखो
फिर स्वर्ग मे जाने की क्या जरूरत,
यहीं स्वर्ग है
स्वस्थ रहो,व्यस्त रहो,मस्त रहो
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आपकी आभारी विमला विल्सन मेहता
जय सच्चिदानंद 🙏🙏