बहुत फर्क है अकेलापन व एकांत मे
अकेलापन इस संसार में सबसे बड़ी सज़ा है
और एकांत सबसे बड़ा वरदान
अकेलेपन में छटपटाहट है ,एकांत में आराम
अकेलेपन में घबराहट है ,एकांत में शांति
जब तक हमारी नज़र बाहर की ओर है
तब तक हम अकेलापन महसूस करते हैं
जैसे ही नज़र भीतर की ओर मुड़ती है तो ,एकांत का अनुभव होने लगता है
ये जीवन और कुछ नहीं वस्तुतः अकेलेपन से एकांत की ओर एक यात्रा ही है
ऐसी यात्रा जिसमें रास्ता भी हम हैं ,राही भी हम हैं और मंज़िल भी हम ही हैं ।
आपकी आभारी विमला विल्सन मेहता
जय सच्चिदानंद 🙏🙏