कौन हिसाब रखे
किसको कितना दिया
और कौन कितना बचायेगा
इसलिए ईश्वर ने आसान गणित लगाया
सबको खाली हाथ भेज दिया
खाली हाथ ही बुलायेगा
कही जिद पूरी
कही ज़रूरत भी अधूरी
कही सुगंध भी नही
कही पूरा जीवन कस्तूरी
इसी का नाम तो है जिन्दगी ।
आपका दिन मंगलमय हो
प्रशंसा से पिंघलना मत,
आलोचना से उबलना मत,
निस्वार्थ भाव से कर्म करते रहो,
क्योंकि इस “धरा” का, इस “धरा” पर,
सब “धरा” रह जायेगा ।
संबंध उसी आत्मा से
जुड़ता है जिनका हमसे
पिछले जन्मों का कोई रिश्ता होता है
वरना दुनिया के इस भीड़ में
कौन किसको जानता है
आपका दिन मंगलमय हो
सुप्रभात 🌹🌹
आपकी आभारी विमला विल्सन मेहता
जय सच्चिदानंद 🙏🙏