जन्म के रिश्ते ईश्वर का प्रसाद जैसे हैं
लेकिन
खुद के बनाये रिश्ते आपकी पूँजी हैं
सहेज कर रखिये
परोपकार का काम करो ,ईश्वर की सच्ची भक्ति हो जायेगी व साथ मे अच्छी शक्ति मिल जाएगी
संबंध कभी भी मीठी बोली या सुन्दर चेहरे से नहीं टिकते
वो टिकते हैं निर्मल ह्रदय और कभी ना टूटने वाले विश्वास से
कोई हालात नही समझता
कोई जज़्बात नही समझता
ये तो अपनी अपनी समझ है दोस्तो
कोई कोरा कागज समझ लेता है तो
कोई पूरी किताब भी नही समझता है ।
स्वभाव भी इंसान की अपनी कमाई हुयी सबसे बड़ी दौलत है
कितना भी किसी से दूर हों पर अच्छे स्वभाव के कारण आप किसी न किसी पल यादों में आ ही जाते हो
आपकी आभारी विमला विल्सन मेहता
जय सच्चिदानंद 🙏🙏