एक लड़की fruits ख़रीदने बाजार गई
वहॉ काफ़ी fruits वाले फुटपाथ पर बेच रहे थे
लड़की ने एक बूढ़े बुज़ुर्ग जो Apple बेच रहा था उसके दाम पूछे
बूढ़े बुज़ुर्ग ने कहा बेटी एक किलो का दाम नब्बे रूपये है
उस लड़की ने कहा कि तीन किलो एक साथ लेने पर पचास रूपये कम दूँगी वरना और जगह जाती हूँ
बूढ़ा आदमी ने कहा , ठीक है बेटी तुम जिस दाम मे लेना चाहती हो , उस दाम मे ले जाओ । चलो अच्छी शुरूआत होगी ,अभी तक apple बेच नही पाया
कम रूपये मे apple खरीद कर वह बहुत खुशी चल पड़ी जैसे कि बहुत बड़ी जीत हासिल की हो
बाद मे कार मे अपनी friend के साथ शानदार रेस्टोरेंट मे गई
वहॉ जाकर दोनो ने अपनी अपनी पसंद की विभिन्न खाने की चीज़ें order की
उसमें से कुछ खाया व अधिकतर झूठा छोड़ दिया
बिल 1400/ रूपये का था ,उसने 1500 रूपये निकाले और होटल वाले को कहा कि बाकी के वो रख ले
होटल वाले के सौ रूपये की tip बड़ी बात नही थी लेकिन apple बेचने वाले ग़रीब बूढ़े बुज़ुर्ग के लिये पचास रूपये भी बहुत मायना रखता था
सवाल यह है कि क्यो हम हमेशा ज़रूरतमंद व ग़रीब इंसान से कोईवस्तु ख़रीदने केलिय अपनी power का इस्तेमाल करने काअधिकारसमझते है और जहॉ देने की जरूरत नही होती वहॉ अपनी सज्जनता प्रदर्शित करते है ये कड़वा सत्य है , जिसमे मानवता के नाते अपने विचारों मे बदलाव लाने की जरूरत है ।
आपकी आभारी विमला विल्सन
जय सच्चिदानंद 🙏🙏
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