देख नारी की हालत ,छलनी हो जाता है सीना ,
पैसा ,पद के दम पर,नारी की आबरू को छीना
पैसो के जो लालची , सौदेबाज़ी करते ना थकते
जैसे लडकी तो गुडिया है , खाने की पुडिया है
बनते फिरते दु:शासन ,आज चीर सब हरते
मॉ का मान भूल गये , अय्याशी मे डूब गये
ऐसे ही कमीने , आज बलात्कार करते
ज़िन्दा जब तन जले , न्याय कहॉ से मिले
इसलिये नारियों के दिल आज भी डरते
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नारी का सभी सम्मान करे
नारी जग की माता है ,सब है उसके लाल
जो भी उस पर कुदृष्टि डाले , खींचो उसकी खाल
आपकी आभारी विमला विल्सन
जय सच्चिदानंद 🙏🙏