जयसच्चिदानंद 🙏🙏
नारी एक , निभाती किरदार अनेक
हॉ मै नारी हूँ मै , जग का मूल हूँ
कोमलता का फूल हूँ मै
लक्ष्मी बनकर घर को बनाती और सँवारती है
अन्नपूर्णा बनकर भोजन बनाती है
गृहलक्ष्मी बन कर कुटुम्ब सम्भालती है
सरस्वती बन कर बच्चों को संस्कारों का पाठ पढ़ाती है
दुर्गा बनकर संकटों से जूझना जानती है
कालिका, चण्डी बन कर घर का रक्षण करती है
नारी संतान को जन्म देती है , नई जिन्दगी लाती है
मॉ बहन ,बेटी या पत्नी चाहे जो भी नारी का रूप हो सभी शक्ति का स्वरूप है
नारी वृक्ष समान है , घर की आन बान शान है
नारी बिना घर नही , जग का आधार होती हैवो
इन्हें कमज़ोरसमझने की कभीभी भूल ना करना
picture taken from google
आपकी आभारी विमला विल्सन
जय सच्चिदानंद
behtarin rachna….bahut hi badhiya likhaa hai.👌👌
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Thanks
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नारी के रूप अनेक ।बहुत ही सुंदर वर्णन।👌👌
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Thanks
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