बिना अपेक्षा वाले रिश्तो मे ताउम्र मधुरता रहती है ,क्योंकि एक दूसरे से अपेक्षाये अधिकतर रिश्ते को खराब करती है
कोई वजह से अगर कोई व्यक्ति दूसरों की अपेक्षाये पूरी नही कर पाता ,तो भला वह अपने लिये कैसे सोच सकता है कि दूसरे उसकी अपेक्षा पूरी करने मे समर्थ होंगे । दूसरे की भी तो कोई वजह हो सकती है ।
आपकी आभारी विमला विल्सन
जय सच्चिदानंद 🙏🙏
sahi kaha agar hamesh kisi ko kuchh dene ki ichchha ho to swarg aur apeksha ek dusre se rakhna ……dard ek din jarur deta hai.
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हॉ सही बात है ….धन्यवाद
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