जिन्दगी मे हर क्षण मुस्कराये ,
हँसे और औरों को भी हँसाये !!
चेहरा देना तो कुदरत का काम है ,
पर सुंदर भाव देना हमारे हाथ है !!
मुस्कराहट लाने से ,
कैसा भी चेहरा बन जायेगा सुंदर और
आभामंडल बन जायेगा अतिसुन्दर !!
सागर मंथन मे भी पहले निकला विष ,
बाद मे निकला अमृत ,
हम भी हंसेंगे और मुस्करायेंगे तो
हो जायेगा विचारों का मंथन ,
पहले निकलेंगा बुरी सोच का विष
बाद मे निकलेगा अच्छे विचारों का अमृत !!
शांत,सदाबहार मुस्कान प्रभु की ,
आराधना और पूजा बन जाती है ,
मुस्कानों मे कृष्ण की माधुर्यता है ,
तो राम की मर्यादा छिपी है ,
महावीर का मौन है तो ,
मीरा के घूँघरू भी है !!
दिलो दिमाग से जब ,
मुस्कान के फूल खिलते है ,
उसकी खुशबू ,
औरों के दिल पर राज करती है !!
बड़े सौभाग्य से मुस्कराहट कुदरतीरूप से ,
हम इंसानों को उपहार मे मिली है ,
वरना जानवर बेचारे कहॉ मुस्करा पाते है !!
अपने आप से करे सवाल कि ,
हमें जिन्दगी मे खुशी चाहिये या गम ,
जो अंदर से आवाज आये ,
उसको क्षणभर की देरी किये बिना ,
पल भर मे बटोर ले ,
और मुस्कुराना शुरू कर दे !!
आपकी आभारी विमला विल्सन
जय सच्चिदानंद 🙏🙏
bahut khub likha hai…..sundar bhav dena mere haath men hai.
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बहुत बहुत आभार
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