आध्यात्मिक ज्ञान ( spiritual science) व भौतिक जगत पर एक नजर ….
आज का युग भौतिकवादी है । भौतिकता की तुलना मे आध्यात्मिकता ( spirituality) के प्रति जागरूकता बहुत ही कम है । क्योंकि लोगों मे अभी इसके प्रति पूरी तरह से श्रद्धा नहीं बैठी है , दृढ़ विश्वास नहीं है । होगी भी तो कैसे ? स्कूल कॉलेजों मे इतिहास ,भूगोल,गणित, विज्ञान, समाजवाद, साम्यवाद …..आदि अनेकों बातों की जानकारी से अवगत कराया जाता है क्योंकि इनके द्वारा जिन्दगी गुजारने के लिये रोटी रोजी मिलती है , जो जरूरी भी है और गलत भी नहीं है । लेकिन साथ मे यदि आध्यात्मिकता के बारे मे भी रूचि लाने के लिये भी पाठ पढ़ाया जाये ,प्रयास किया जाये तो सोने पर सुहागा वाली बात होगी । मगर आध्यात्मवाद, जो जीवन का तत्व है , उसे हेय दृष्टि से देखा जाता है ।जो कि अनुचित है । यही बात आध्यात्मिक क्षैत्र मे बाधक बन रही है ।
इसके अलावा ये भी एक कारण है कि धर्म का वास्तविक रूप जनता के आगे नहीं आ रहा है । धार्मिक स्थानों मे पैसों से प्रतिष्ठा हो रही है । पैसों के बिना भगवान के दर्शन करना सुलभ नहीं होता । मंदिर के दरवाजे पैसे बिना नहीं खुलते ।धर्म स्थानों पर वी. आई . पी लोगों को प्राथमिकता दी जाती है , आये दिन बाबाओं के कांड होते रहते है ….. अनेकों और भी बातें है जिनकी वजह से अंदर की श्रद्धा तो कम होती जा रही है ऊपरी दिखावा व आडम्बर बढ़ता जा रहा है ।अगर इस अभाव को पूरा किया जाये तो निश्चय ही पैसों के स्थान पर धर्म की प्रतिष्ठा होगी । धर्म का सही रूप सामने आयेगा जिसकी वजह से आध्यात्मिक क्षैत्र मे लोगों का झुकाव बढ़ेगा व ज्ञान का प्रकाश फैलेगा ।
आपकी आभारी विमला विल्सन
लिखने मे ग़लती हो तो क्षमायाचना🙏🙏
जय सच्चिदानंद 🙏🙏
nice
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Thanks
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BABA SE DHARM KA HAMARA KOYEE LENA DENA NAHI HAI…..MAGAR …..KITNE GYANWAN HAIN JO ES BAAT KO SAMAJHTE HAI……ASAR TO INKA JARUR PADTA HAI……KYONKI ENHE ADHIKTAM LOG PATHPRADARSHAK MANTE HAIN………SACH MEN DHARM MEN AADAMBAR TEJI SE BADHTA JAA RAHA HAI…….SAHI LIKHA APNE.
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सही बोला ज्ञानवान पुरूषों का अलग ही प्रभाव होता है । ज़रूरत है सही ज्ञानी की पहचान करने की ….बहुत बहुत धन्यवाद
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