1. खुशियों के लिए क्यों करे
किसी का इंतज़ार,
हम ही तो हो अपने
जीवन के कलाकार ।
2. ख़ुशियाँ मिले ना जंगल में,
ना मिलें शहर ,गॉव ,हाट बाजार मे
अपने भीतर ढूंढ लो
मिल जायेगी दिल की छॉव मे ।
3. ना खुशी खरीद पाता हूँ
ना गम बेच पाता हूँ,
फिर भी ना जाने क्यूँ ?
हर रोज कमाने निकल जाता हूँ ।
लफ्ज कितने भी खुबसूरत क्यों ना हो ,
निखार तो तब आता है जब आप सब रिप्लाई करते हो 😃😃
आपकी आभारी विमला विल्सन
जय सच्चिदानंद 🙏🙏
Very nice post mam
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Thanks a lot 😊
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Bahut khub sar
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Thanks a lot soniaji
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