मारवाड़ की शाही फीणी ….
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राजस्थान में सर्दियां आते ही एक तरह की मिठाई फीणी बनने लगती है ।
सर्दी बढ़ने के साथ फीणी की मांग बढ़ जाती है। लोग सुबह के नाश्ते में दूध-फीणी का आनंद लेते है ।शादियो मे बारातियो को भी खिलाया जाता है ।
राजस्थान के सरदारशहर की फीणी अपने अनूठे स्वाद के लिये प्रसिद्ध है ।देश में ही नहीं विदेशियों को भी खूब पसंद आती है।
मेहमान को भी बड़े चाव से खिलाया जाता है ।एक कटोरे मे मेवायुक्त दूध डाला जाता है व अलग प्लेट मे साबुत फीणी डालकर रखा जाता है ।जिसे दूध मे अपनी सुविधानुसार डालकर चम्मच से खाया जाता हैं ।
फीणी मैदा, शक्कर व घी से तैयार की जाती है। इसके लिए घी जमा हुआ बेहतर होता है ।जमे हुये घी के कारण महीन तार वाली फीणी तैयार की जाती है । ये मिठाई देखने मे जितनी नाज़ुक लगती है बनने मे उतनी ही कठिन होती है ।इसको बनने वाला कारीगर पूरी तरह से अनुभवी होते है । इसे कपड़े मे बॉधकर हाथ से बनाई जाती है
वैसे आजकल फीणी बनाने में मशीनों का उपयोग करने के कारण बढ़ियां महीन तार वाली फीणी कम समय में ही तैयार हो जाती हैं ।जहाँ अधिक तापमान होता है वहॉ यह नहीं बनती है ।
महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक व तमिलनाडु में रहने वाले राजस्थानी मारवाड़ ( राजस्थान )से फीणी ले जाते हैं।
सर्दी के मौसम में रोजाना कई क्विंटल फीणी तैयार की जाती है। जिसे शहर के अलावा हैदराबाद, गुवाहाटी,अहमदाबाद, मुम्बई, कोलकोता, बेंगलुरू आदि के अलावा देश के अनेक राज्यों तथा दुबई सहित अन्य कई देशों में निर्यात की जाती है ।
फीणी बनाने के लिए सबसे पहले रात को मैदे को पानी में गूंथा जाता है।फिर सुबह इसे घी में गूंथा जाता है। गूंथे मैदे को कई बार लंबा व गोल किया जाता है। फिर इसे तल कर सुखाया जाता है। इस प्रकार फीणी बनकर तैयार होती है। इसे चासनी से मीठा किया जाता है सादी फीकी व मीठी , सिकी हुई ,केसर पिस्ता या बिना केसर वाली हर प्रकार की फीणी बाजार में मिलती है।
आप भी जब कभी मारवाड़ जाये तो इस शाही फीणी का जायका जरूर ले ।
आ
विल्सन
जय सच्चिदानंद 🙏🙏