मै अपना अनुभव बताना चाहूँगी कि यदि नसीब मे लिखा है तो उसे कोई छिन नही सकता और ना लिखा हो तो कोई भी लेकर चला जायेगा ।
हम एयरपोर्ट पर अपनी बेटी को लेने पहुँचे वहॉ पर पार्किंग की समस्या होने पर जल्दी जल्दी के चक्कर मे गाड़ी तक पहुँचते पहुँचते बेटी की जींस की पॉकेट से मोबाइल रास्ते मे कब गिर गया मालूम ही नही चला । रात के दो बजे का समय था ।सोते समय बेटी को मालूम चला कि मोबाइल पॉकेट मे नही है । उसने सोचा कि मोबाइल शायद कार मे रह गया होगा ,सुबह ले लूँगी यह सोचकर हमे बिना बताये सो गई । दूसरे दिन सुबह आठ बजे मोबाइल के बारे मे बताया और कार मे सब जगह देखा लेकिन मोबाइल मिला नही । अब सब परेशान हो गये कि मोबाइल नही मिला तो काफी इन्फॉर्मेशन भी चली जायेगी । ऐसा सोचकर दिल बैठा जा रह था । सोचने पर एक जगह का विचार आया कि शायद एयरपोर्ट की उस जगह पर गिर गया होगा । लेकिन सुबह के दस बजे भीड़ वाली उस जगह ढूँढने भी जाये तो मिलना नामुमकिन लग रहा था । लेकिन सोचा कि एक बार जाकर चैक करने मे कोई हर्ज नही और जिस जगह गिरने का शक था वहॉ पहुँचे । पहुँच कर देखा तो विश्वास नही हुआ कि मोबाइल अभी भी वहॉ पड़ा है । भगवान को लाख धन्यवाद दिया कि इस परेशानी से बचा लिया ।
इसके बाद तो और दृढ़ विश्वास हो गया कि मेहनत करने का कर्म करते जाओ और जितना मिले उसी को नसीब मानकर खुशी मनाओ ।
मोरल – पूरी शक्ति से मेहनत करने का कर्म करते रहो लेकिन ना मिले तो हताश ना हो क्योकि जिसको भाग्य मे मिलने वाला है , वह मिलकर ही रहता है । जिसके भाग्य मे नही होता , वह उसके हाथ मे रहकर भी नष्ट हो जाता है ,
आपकी आभारी विमला विल्सन मेहता
जय सच्चिदानंद 🙏🙏
bilkul sahi kaha …….saath hi karm se hi bhagya badlta hai…..atah koyee bhagya ke bharoshe bhi naa rahe……..varna bhagya bhi saath nahi rahta ……..badhiya sandesh.
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सही कहा …बहुत बहुत शुक्रिया
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