सुधाकर वो नही जो दिवाकर की रोशनी से चमकता है
बल्कि वो ऐसा तारक है जिससे रोशनी का दरिया निकलता है
फूल महज़ एक फूल नही जो मंदिर मे चढ़ता है
बल्कि वो ऐसी ख़ुशबू है जिससे पूरा जगत महकता है
साथी सिर्फ सहारा नही जिसे पाकर दिल संभलता है
बल्कि वो परछाई है जो जिगर मे रहता है
धर्म कोई नियम नही जिसे निभाना पड़ता है
बल्कि वो इबादत है जिससे रब मिलता है
अच्छे ख़्वाब वो नही जो नैन खुलने से बिखरते है
बल्कि वो सोच है जिनके ख़्यालों से जिन्दगी चलती है ।
प्यार वो नही जो किताबी शब्दो से दर्शाया जाता है
बल्कि प्यार वो खुमारी है , जिससे दिल धड़कता है
आपकी आभारी विमला मेहता
जय सच्चिदानंद 🙏🙏
Bahut Khoob ma’am ☝👌👌👏🙌🙏
LikeLiked by 2 people
Thanks
LikeLike
Very nice….
बहुत गहराई,
जज़बातों से भरी रचना…. 👌👌
LikeLiked by 1 person
Thanku so much 😊
LikeLiked by 1 person
Welcome
LikeLiked by 1 person
सुधाकर वो नहीं जो
दिवाकर की रोशनी से चमकता है
बल्कि वो तारक है,
जिससे रोशनी का दरिया निकलता है…
Great deep words u hv used here… 👍👍
LikeLiked by 1 person
धन्यवाद आपको अच्छा लगा
LikeLiked by 1 person
जी,
है ही इतनी सुन्दर रचना कि हर किसी को अच्छी लगेगी…
LikeLiked by 1 person
आपका बहुत बहुत शुक्रिया
LikeLiked by 1 person
🙏🙏
LikeLiked by 1 person
Actually the words u use , r awesome
So heart touching….
That’s why…
LikeLiked by 1 person
सराहने के लिये धन्यवाद
LikeLiked by 1 person
🙏
LikeLiked by 1 person
Waah …laajwab likhaa hai ….ham kya taarif karen….umda lekhan👌👌👌
LikeLiked by 1 person
बहुत बहुत शुक्रिया
LikeLike
Swagat apka
LikeLiked by 1 person