आज सब लोग परिवर्तन की बाते करते है चाहे वह देश या समाज की हो या किसी अन्य क्षैत्र की हो । सभी समाज मे परिवर्तन लाने चाहते है उसे बदलना चाहते है पर उसकी शुरूआत अपने आप से नही करते बल्कि यह सोचते है कि पहले देश सुधरे ,समाज सुधरे तो फिर वह सुधरेंगे ।…
Day: August 1, 2017
डर – जिंदगी की किताब (पन्ना # 214)
Good day to all divine souls ……. ना मित्र से ,ना परिवार से ,ना ही शत्रु से डरना चाहिये ।अगर डरना है तो अपयश व पाप से डरना चाहिये और किसी से डरने की ज़रूरत नहीं। डर आने पर बिना सोचे उस पर प्रहार कर देना चाहिए। डर से घबराना हमारे स्वभाव मे ही ना…