Good day to all divine souls …..
किसी भी विषय पर संक्षेप मे लिखना कठिन लेकिन उत्तम कला है ।
ये इस दृष्टान्त से समझ सकते है कि एक राजा जिसका नाम जितशत्रु था ,उसकी सभा मे चार विद्वान चार ग्रन्थ को लेकर लाये जिसके हरेक ग्रन्थ मे एक एक लाख श्लोक लिखे थे । राजा के पास इतना समय नही था कि वह पूरे ग्रन्थ को सुनता और समझता । अत: राजा ने उनसे प्रार्थना की कि आप दो दो शब्दो मे अपने पूरे शास्त्र का सार बता दे तो बड़ी कृपा होगी । विद्वानों के लिये ये कठिन नही था ,उन्होने दो दो शब्दो मे पूरा सार बता दिया । राजा ने उन सभी को क्रमबद्घ करके सभासदो को इस प्रकार सुनाया
जीर्णें भोजनमात्रेय: न्याय्या वृत्तिवृहस्पति:
कपिल: प्राणिनां रक्षा पाँचाल: साम्यभावना
[ हजम होने के बाद भोजन करना-यह आयुर्वेद का सार अत्रि ने सुनाया
न्यायपूर्वक आजीविका करना- यह व्यवहार शास्त्र का सार वृहस्पति ने सुनाया
प्राणियों की रक्षा करना – यह धर्म शास्त्र का सार कपिल ने सुनाया
समभाव रखना -यह दर्शनशास्त्र का सार पांचाल ने सुनाया ]
आभारी विमला
लिखने मे गलती हो तो क्षमायाचना 🙏🙏
जय सच्चिदानंद 🙏🙏
picture taken from google
बहुत खूब।
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शुक्रिया
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