दो प्रकार के इंसान का जब अंत समय आता है तो वो ह्रदय मे अनेक इच्छाये और पश्चात्ताप करते हुये मरते है….
पहले प्रकार के इंसान वो होते है जो पढ़ाई तो बहुत कर लेते है या यूँ बोल सकते है कि उनको किताबी ज्ञान तो बहुत होता है किंतु उसको आचरण मे नही ला पाते है ।
दूसरे प्रकार के व्यक्ति वो होते है जो एक बार ज्ञानरूपी बीज तो बो लेते है पर खाद पानी (यानि ज्ञान से जुडा रहना ) सही ढंग से ना देने से फसल आने का फायदा नही उठा पाते है ।
इसलिये भले ही हम ज्ञान की बाते कम सुने पर उसे आचरण मे लाने की कोशिश अवश्य करे …. विमला
लिखने मे गलती हो तो क्षमायाचना🙏🙏
जय सच्चिदानन्द 🙏🙏
Waah …satya wachan.
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जी शुक्रिया
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Bilkul sahi Khaa heh aapne ma’am ☝👌👌🙏
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Thanks
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Very well said ma’am.
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Thanks
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