रिश्तो की मधुरता…..
चिंकी की शादी होने वाली थी ,उसके घर मे मॉ बापूजी और छोटा भाई टिंकू व छोटी बहन पिंकी सभी दौड़ दौड़ कर दीदी की शादी की तैयारी कर रहे थे ।एक महीने बाद ही शादी होने वाली थी । दोनो भाई बहन को दीदी की शादी को लेकर बहुत उत्साह हो रहा था तो साथ मे दीदी का घर छोड़कर जाने का दुख । लेकिन बेटियॉ को तो नया संसार बसाने जाना ही पड़ता है । आखिरकार वह घड़ी आ गई और दीदी ससुराल के लिये विदा हो गई । कुछ दिनो बाद चिंकी को दूसरे शहर मे अपने पति के साथ जाना था क्योकि उसके पति को ऑफिस से मिली छुट्टियॉ खत्म होने जा रही थी । पिंकी को दीदी की बहुत याद आ रही थी ,उसने दीदी को फोन किया और पूछा “दीदी”आप घर कब आ रही हो ? दीदी बोली !! कल ही आ रही हूँ ,ऐसा है कि मै चार दिन के बाद तेरे जीजू के साथ दूसरे शहर जा रही हूँ । कुछ सामान वहॉ पड़ा है ,वो लेना है और हॉ सुन पिंकी मेरी दो जींस व स्वेटर तथा शूज निकाल कर रखना मैं घर आऊंगी तो ले जाऊंगी।
ओ.के.बाय कहकर चिंकी ने फोन रख दिया और जैसे ही मुड़ी वहॉ सासूमॉ खडी थी । चिंकी को देखते ही बोली कि बहू तुम पराई जगह रहने जा रही हो ,सोने के गहने साथ न ले जाना ,अपने साथ हल्के फुल्के कुछ नकली जेवर रख लेना । सोने के जेवर या तो अपनी अलमारी में ताला लगा कर रखना या मुझे दे देना मेरी अलमारी में रख दूंगी। और हॉ कोई भी जेवर अपने मायके मे मत छोड़ देना । वहॉ से चोरी हो सकता है । वहॉ तुम्हारी छोटी बहन पिंकी जिसको जेवर पहनने का बहुत शौक़ है ,कही पहनकर खो ना दे ।
चिंकी यह सब सुन कर आश्चर्यचकित हो गई और सोचने लगी कि जिस माता-पिता ने पूरे विश्वास के साथ अंजाने घर मे अपनी बेटी को दी उन पर ही इतना बड़ा अविश्वास । वापस जवाब देने का तो मन मे बहुत आया लेकिन जो संस्कार मिले थे उसकी मर्यादा रखते हुये चुप हो गई लेकिन ऑंखें भीग गई ।
दूसरे दिन मायके जाकर वापस आई । आते ही सासूमॉ ने सारे जेवर पहने देखकर तसल्ली की सांस ली। चार दिन बाद दूसरे शहर जाने का था लेकिन जेवरों के बारे में चिंकी ने अभी तक कुछ भी जिक्र नही किया ,आखिरकार सासूमॉ से रहा नही गया और पूछ ही लिया। बहू तुमने जेवर के बारे मे क्या सोचा है ?
चिंकी बोली मम्मी जी सोचना क्या ?आपने घर पर जेवर खोने के डर से रखने का मना किया तो मुझे भी लगा कि घर में जेवर सुरक्षित नहीं रहेंगे । वहां मेरी छोटी बहन है तो यहां मेरी छोटी ननद भी तो है इसलिए मैंने सारे गहने सुरक्षा के लिहाज से लॉकर मे रख दिये …..
दोस्तो पारिवारिक रिश्तो मे कडवापन आने की एक यह भी वजह है जहॉ भावनाओं का सम्मान नही किया जाता है । साथ ही शादी के तुरंत बाद बहू को मायके से परायापन का अहसास दिलाया जाता है जहॉ उसने जन्म लिया व बचपन से लेकर शादी तक जिंदगी बिताई ।
इसके माध्यम से यही समझने की जरूरत है कि जब एक पौधे को दूसरी जगह लगाते है तो उसे कुछ दिन सही वातावरण के साथ विशेष देखभाल की भी जरूरत रहती है तभी वो पौधा उस मिट्टी में अपनी जड़ें जमा पायेगा वरना मुरझा जायेगा । ठीक इसी प्रकार जब एक लडकी शादी करके बहू के रूप में दूसरे घर मे जाती है तो वहॉ के माहौल मे एडजेस्ट होने के लिये ,सबको समझने के लिये ,वहॉ के आंगन मे जड़े मजबूत करने के लिये उसे विशेष प्यार और अपनेपनरूपी खाद पानी के साथ उसकी भावनाओं को समझने की भी विशेष जरूरत होती है ताकि वहां की मिट्टी में उसकी जड़ें अच्छी तरह से जम सके। सही माहौल मिलने पर वही पौधा एक दिन विशाल पेड़ बन कर पूरे परिवार को अपनी शीतल छाया और फल फूल देगा जो कि पारिवारिक रिश्तो की मधुरता के लिये बहुत जरूरी भी है ।
विमला
लिखने मे गलती हो तो क्षमायाचना 🙏🙏
जय सच्चिदानंद 🙏🙏
bahut sundarta se likha apne…kisi ko bhi alag mahaul men dhalne men samay to lagta hi hai.
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आभार आपका
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