दोस्तों जिंदगी एक रंगीन किताब की तरह हैं ,उसे दिल से पढ़ो ।
जिंदगी एक अभिलाषा भी हैं ,खुशी से संवर जाये तो जन्नत हैं ।
जिंदगी एक सुहावना सफर हैं ,हम हर समय क्यूँ डरे कि
जिंदगी मे आगे क्या होगा या बुरा ही होगा ।
इस दुनिया में हम कर्मो के हिसाब से एक नाटक की तरह जिंदगी व्यतीत करने आये हैं ,उसे नाटक के कलाकार की तरह खुशी से नाटक करते हुये पूरी जिंदगी व्यतीत करे तो हमारे से दुख कोसो दूर होगा ।
चोैरासी लाख जीव योनियो के बाद हमें ये दुर्लभ मनुष्य जीवन प्राप्त हुआ हैं ।मनुष्य भव ही एकमात्र ऐसा भव हैं जिसमें हम अनंत सुख की अनुभूति कर सकते हैं यानि आत्मा के आनंद का अनुभव कर सकते हैं । ये सब सोचते सोचते आज न जाने क्यूं एकाएक मन में उथल पुथल होने लगी , जिंदगी क्यूँ नीरस सी होने लगी ।और दिल से आवाज़ उठने लगी ..
क्यूँ नही किया जिंदगी से प्यार
तभी दिल से आई आवाज ,
पगले तुने कभी नही ये सब सोचा
कितनी खूबसूरत हैं ये जिंदगी
सदा ही दुनिया की उलझनों में खोया रहा
कभी नही किया खुद पर ऐतबार
जरा अपनी जिंदगी से तो प्यार करना सीख
फिर देखना कितनी खूबसूरत हैं ये जिंदगी
दिल से उठी आवाज से एकाएक होने लगा भावो का परिवर्तन
और साथ मे होने लगा जिंदगी से प्यार
आज मैंने ही खुद को टॉफी दी,
और खुद को गले लगाकर कहा “लव यू ”
और किया एक वायदा अपने आप से कि हमेशा खुश रखूँगी स्वयं को
प्राथमिकता की सूची में अपनी जगह हमेशा अंतिम से अग्रिम बनाऊँगी
सभी का याद करते हुये नही भूलूंगी “अपने आप “को
मैंने ही दे दिया एक फूल, आज”अपने आप “को
बहुत दिनों बाद नीचे रख दिया है ,मान सम्मान और इज्जत की गट्ठरी
सोचा मन पंछी होकर विचरण करूँ संसार, और बन जाऊँ रंगीन तितली आज
नहीं बनाना आता मुझे औरो जैसा भोजन
और नही रहना आता मुझे औरो जैसा बनठन कर
नही आता मुझे टाईम का मैनेजमेंट ,रहने दो मुझे ऐसे ही बुद्धु
कंप्यूटर, इलेक्ट्रॉनिक्स मे भी, मैं हूँ बिलकुल बेकार
नही चाहिये ये तुलना-इसके बाल,उसकी ऊँचाई, इसका रंग,उसकी आवाज और उसकी सुंदरता
नही चाहिये मुझे आपसी तुलना-उसके पास चाहे कितना भी हो सोना चॉदी,हीरे जवाहरात और बंगला ,मोटर
आज बेशक दिल से स्वीकार लिया हैं मैने खुद के सारे दोष और खामियॉ
क्योकि आज उतार कर फेंक दिया है मैने आदर्श भारतीय नारी का मुखौटा
आज मैं पाकर ही रहूंगी अपूर्णता से पूर्णता का वरदान
खुद को ही सिखाऊंगी कि पहले जैसी थी वैसी ही हूँ मैं आज
दर्पण के सामने खड़ी होकर निहारूँगी स्वयं को खुद की शक्सियत बनकर
ना किसी की पत्नी,बहु, माँ, बेटी ,बहन बन कर
आज मुझे खुद को अपने गुण दोषो सहित प्रेम करना है
क्यों चाहिए मुझे हमेशा ही घोड़े पर सवार सपनो का राजकुमार?
मैं स्वयं ही बनूँगी अपने सपनो की राजकुमारी और
आत्मा के आनंद के लबालब भरे तालाब के किनारे बैठूंगी कुछ देर
और निहारूँगी,सवारुंगी स्वयं के अस्तित्व को अविरल
मन के भावो ने एकाएक बदल डाली मेरी जिंदगी की नैया
अब हँसते हँसते तैर कर पार लगाऊँगी अपमी जिंदगी की नैया
अब अपनी जिंदगी से होने लगा हैं प्यार और साथ मे ऐतबार
बहुत खूबसूरत है जिंदगी,बहुत खूबसूरत हैं जिंदगी…….
हमें जिंदगी को खुशी से स्वीकार करके अच्छे कर्म करते हुये दूसरों को दुख न हो ऐसा कार्य करते हुये ,साथ मे खुद से भी प्यार करते हुये व्यतीत करनी चाहिये ।
जिंदगी मे खुशी के इंतजार के सम्बंध मे यह बात कहना चाहूँगी कि – खुशी आने का इंतज़ार करते करते न जाने कितने साल गुजार दिये ।एक दिन खुशी ने वायदा किया कि वह एक सप्ताह बाद आयेगी लेकिन अचानक मालूम पड़ा कि मेरी जिंदगी को तो पॉच दिन ही बाक़ी हैं…इसलिये दोस्तों हर दिन खुशी का है ऐसा सोचकर पूरी जिंदगी का दिल से आनंद लीजिये । मालूम नही कब इस दुनिया को अलविदा कहना पड़े ।
धन्यवाद
लिखने में गलती हो तो क्षमायाचना 🙏🙏
जय सच्चिदानंद 🙏🙏
Good thoughts
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धन्यवाद 🙏🙏
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and exhilarating processes in any individuals lifetime.
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Nice one
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Bahut khub
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Thanks 😊
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आपके रंग बिरंगे विचार और जिंदगी से प्यार बड़ी अच्छी लगी. मै भी मानती हूँ कि , जिंदगी रोज़ नये रंग दिखाती है . जिंदगी और अपने आप से प्यार करना ज़रूरी है. आपकी यह बात मुझे बड़ी अच्छी लगी —
आज बेशक दिल से स्वीकार लिया हैं मैने खुद के सारे दोष और खामियॉ
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यदि हम अपनी कमियों को स्वीकार करना सीख जायेंगे तो जिंदगी जीना और भी आसान हो जायेगा
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बहुत बढ़िया—जिंदगी के उतार चढ़ाव के बीच खुद को सम्हालना ही जिंदगी है।
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धन्यवाद
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Mushkil hai.. pr sambhl gae to kya bat h..
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बहुत बहुत शुक्रिया 🙏🙏
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बहुत ही सुंदर विचार है आपके।
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धन्यवाद
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😊
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आपका और आपके सुंदर विचार का स्वागत है।
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बहुत खूब, शानदार पोस्ट !!
“इस दुनिया में हम कर्मो के हिसाब से एक नाटक की तरह जिंदगी व्यतीत करने आये हैं उसे नाटक के कलाकार की तरह खुशी से नाटक करते हुये पूरी जिंदगी व्यतीत करे तो हमारे से दुख कोसो दूर होगा।”
पते की बात की आपने…!!
बस इतना और जोड़ना चाहूंगा की नाटक के किरदार में खो ना जाए, जहाँ अचेतना आई, दुःख शुरू, और ऐसा अक्सर होता है, इंसान खो जाता किरदार में और भूल जाता है खुद को !!
होशपूर्वक किरदार निभाया जाये तो ज़िन्दगी में सत-चित-आनंद ही आनंद है !!
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सही कहा आपने यदि होशपूर्वक किरदार निभाया जाये तो जिन्दगी मे आनंद ही आनंद है … सराहने के लिये बहुत बहुत शुक्रिया
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Superb
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धन्यवाद 🙏🙏
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आपके विचारों में अनुभव की गहराई है ।पढ़ने पर
विचार जाग्रत हो जाते हैं ।मन और बुद्धि को सुकून
मिलता है ।
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सराहने के लिये बहुत बहुत धन्यवाद ।
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A good one.
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Thanks
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Nice
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Thanks
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Beautifully worded.
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Thanks a lot 🙏
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Nice
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अच्छे विचार .
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Thanks a lot
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जब दिल से कुछ निकलता है ना, तो दिलोंको छु ही जाता है..
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सही है … धन्यवाद 🙏🙏
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तहें दिल से बहुत बहुत शुक्रिया nominate करने के लिये 🙏🙏
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