सोच किसान के बारे मे …..
तन झुलस जाता है
सिर गर्मा जाता है
हाथ खुरदरे हो जाते है
तलवों मे फफोले पड जाते है
कपड़े चिथड़े हो जाते है
तब जाकर फसल लहलहाती है ,जनाब !!
और लोग बोलते है कि
किसान के जिस्म से
पसीने की बू आती है
मैं तो यह कहता हूँ
पसीने की नही
मेहनत की बू आती है
जो सब मे प्राण ले आती है ।
लिखने मे गलती हो तो क्षमाप्रार्थी 🙏🙏
जय सच्चिदानंद 🙏🙏
सत्य का यथार्थ रुप में चित्रण…👌👌
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धन्यवाद
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स्वागत है
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बहुत खूबसूरती से बिल्कुल सही लिखा आपने।
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आपने सराहा…धन्यवाद
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