मेरी संस्कृति …..रंगीलो प्यारों राजस्थान म्हारो प्यारों राजस्थान,म्हारा हिवडा(दिल) री जान आज मैं अपने प्यारे रंगीले राजस्थान से जुड़ी कुछ बाते बताना चाहूँगी …. मारवाड़ी बोली ,मीठी बोली बोले तो लागे “मिसरी री (की) डली” बार बार सुनवा रो मन करे सुनजो तो सही !! कठई (कही पर) कोनी (नही) मिलेला (मिलना) मावा री कचौरी,सतू…