भूल निकालने की भूल ……
कदाचित लोग ही
निज भूल को
करते आज कबूल
देखा जाये तो
आज के युग के लोग
भूल कबूल करने को
समझ रहे है बड़ी भूल
घर परिवार हो या
सगे संबंधी ,
मित्र हो या कलिग
चाहे टीचर हो
या विद्यार्थी
जिस और भी देखो
बस निकालो जरा सी भूल
फिर हो जायेंगे लड़ने को आतुर
लेकिन आपने कभी ये सोचा है
इक भूल से
कोई बात कितनी पकड़ सकती है तूल ।
लिखने मे गलती हो तो क्षमाप्रार्थी🙏🙏
जय सच्चिदानंद 🙏🙏
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बहुत ही अच्छा लिखा है आपने।
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धन्यवाद 😊
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